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Monday, February 23, 2015

मॉडेम कम वाई फाई राउटर को बिना किसी पासवर्ड के सिक्योर करे how to secure wi fi modem cum router without any password

       काफी दिनों से एक सस्ते और बढ़िया इंटरनेट कनेक्शन की खोज में लगा हुआ था । बाजार में बहुत से विकल्पों को देख भाल कर अंत में एक बढ़िया सा नेट कनेक्शन खोज निकाला जिसे ,यंहा स्थानीय लोग सिफी (sify) ब्रॉडबेन्ड के नाम से जानते है । लेकिन बहुत कम लोग इस असली कंपनी को जानते है ।

       ये कम्पनी बहुत ही कम कीमत में एक अच्छी सेवा मुहैया करवाती है । मैंने इसका 500 रूपये में 10 GB का प्लान ले रखा है । इसमें नेट की स्पीड 1 मेगाबाइट /सेकंड(1.0mbps)  की है | इसमें जो मॉडेम दिया  उसका मॉडल ibaal extrem 150M है । जो की मेरे डेस्कटॉप के लैन पोर्ट में काम करता है । ये एक वाईफाई राउटर है जो शहर के बीचो बीच लगे एक अन्य केंद्रीय वाई फाई राउटर से सिगनल ग्रहण करता है ।

        मुझे इसमें एक समस्या आ रही थी की मै अपने स्मार्ट फोन में इस वाईफाई का सिगनल नहीं पकड़ पा रहा था टेक्नीशियन को पूछने पर उसने बताया की आप अगर अपने स्मार्ट फोन से वाईफाई काम में लेना चाहे तो ले सकते है लेकिन ये एक प्रकार का ओपन कनेक्सन रहेगा जिसे कोई भी अपने लेपटोप या समार्ट फोन से एक्सेस कर सकेगा । मैंने ट्राई करके देखा तो रोजाना १ GB के लगभग डाटा खर्च बता रहा था जिसे मेरे लिए सहन करना बहुत मुश्किल था क्यों की मोहल्ले भर के वाई फाई यूजर मेरा डाटा खर्च कर रहे थे ।

 इसके लिए मैंने भी एक जुगाड़ किया जो आप भी कर सकते है ।

स्टेप 1 -- अपने मोबाईल की सेटिंग में जाएँ   SETTING/WLAN/ADVANCE/MAC ADDRES ये कुछ इस प्रकार से दिखेगा 00:XX:00:X0:0:0X:00 यंहा पर 0 से मतलब है न्यूमेरिक नंबर और x का मतलब है एल्फाबेट से है ।

स्टेप 2 --- अपने ब्राउजर के यूआरएल में टाइप करे 192.168.1.1 और ओके करे आई  डी और पासवर्ड की जगह admin भरे जिससे आपके राउटर की सेटिंग का पेज खुल जाएगा  । जितनी बार भी आप सेटिंग बदलेंगे ये रिस्टार्ट की इजाजत मांगेगा इसे ओके करे ।  

आगे की सेटिंग आप चित्र अनुसार कर सकते है जो की बहुत ही आसान है । इस तरकीब का फायदा ये है की इसमें कोइ भी पासवर्ड काम में नहीं लिया गया है इस वजह से कोई भी सोफ्टवेयर इस में सेंध नहीं लगा सकता है ।








Saturday, February 21, 2015

राजस्थान के लोक देवता कल्ला जी राठौड़

कल्ला जी का जन्म विक्रमी संवत १६०१ को दुर्गाष्टमी को मेडता में हुआ . मेडता रियासत के राव जयमल के छोटे भाई आस सिंह के पुत्र थे | बचपन मेडता में& ही बीता | कल्ला जी अपनी कुल देवी नागणेचीजी के बड़े भक्त थे| उनकी आराधना करते हुए योगाभ्यास भी किया | इसी के साथ ओषधि विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर वे कुशल चिकित्सक भी हो गए थे | उनके गुरू प्रसिद्ध योगी भैरव नाथ थे |



कल्ला जी राठौड़

उनकी मूर्ति के चार हाथ होते है | इसके बारे में कहा जाता है कि सन १५६८ में अकबर की सेना ने चितौड़ पर आक्रमण कर दिया था | किले की रसद ख़त्म हो गयी थी | सेनापति जयमल राठौड़ ने केसरिया बाना पहन कर शाके का व क्षत्राणियों ने जौहर का फैसला किया किले का दरवाजा खोल कर चितौड़ी सेना मुगलों पर टूट पडी |
सेनापति जयमल राठौड़ के पैरो में गोली लगने से वे घायल हो गए थे | उनकी युध्द करने की बड़ी तीव्र इच्छा थी | किन्तु उठा नहीं जा रहा था | कल्ला जी राठौड़ से उनकी ये हालत देखी नहीं गयी | उन्होंने जयमल को अपने कंधो पर बैठा लिया व उनके दोनों हाथों में तलवार दे दी और स्वयं भी दोनों हाथों में तलवार ले ली | और दुशमनो पर टूट पड़े | जिधर से भे वे गुजरते दुश्मनों की लाशो का ढेर लग जाता | हाथी पर चढ़े हुए अकबर ने यह नजारा देख तो चकरा गया | उसने भारत के देवी दवताओ के चमत्कारों के बारे में सुन रखा था या खुदा ये भी दो सिर और चार हाथो वाला कोइ देव है क्या उसने मन में सोचा |
काफी देर वीरता पूर्वक युध करने पर कल्लाजी व जयमल जी काफी थक गए मौक़ा देख कर कल्ला जी ने चाचाजी को नीचे जमीन पर उतारा और दवा दारू करने लग गए | तभी एक सैनिक ने पीछे से वार कर उनका मस्तक काट दिया | फिर भी बहुत देर तक मस्तक विहीन धड मुगलों से लड़ता रहा |
उनके इस पराक्रम के कारण वे राजस्थान के लोक जन में चार हाथ वाले देवता के रूप में प्रसिद्घ हो गए | आज पूरे मेवाड़ ,पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा उत्तरी गुजरात के गांवों में उनके मंदिर बने हुए है और मान्यता है | चितौड़ में जिस स्थान पर उनका बलिदान हुआ वंहा भैरो पोल पर एक छतरी बनी हुयी है | वहां हर साल आश्विन शुक्ला नवमी को एक विशाल मेले का आयोजन होता है |
कल्ला जी को शेषनाग के अवतार के रूप में पूजा जाता है |

Thursday, February 12, 2015

रॉकेट चूल्हा कैसे बनाये how to build rocket stove

      ईंधन हमारी दैनिक जरूरत है । कम होते प्राकृतिक संसाधनो में ऊर्जा के स्रोत भी सीमित है । चारो और ऊर्जा बचाओ का शोर मचा हुआ है इस अभियान में रॉकेट चूल्हे की अहम भूमिका है  ख़ास कर भारत जैसे देश में जहाँ 80 % आबादी गाँवों में निवास करती है ।
       गाँवों में जलाऊ लकड़ी आसानी से उपलब्ध होती है । इसलिए घरो में परम्परागत चूल्हे (tredishanal stove ) ही काम में लिए जाते है । उन्ही चूल्हों में सुधार कर रॉकेट चूल्हे का परिष्कृत रूप सामने आया है ।
आवश्यक सामग्री : 1 लोहे का खाली कंटेनर
                              4" पाईप (लोहे का)
                              4" एल्बो (लोहे का )
                           जाली का स्टैंड 2 नग ( बर्तन रखने के लिए और लकडियो के नीचे लगाने के लिए ।

    कंटेनर में चित्र अनुसार पाइप और एल्बो फिट करे । पाईप के और कंटेनर के बीच में टॉप रोधी सामग्री भर दे जैसे लकड़ी का बुरादा या मिट्टी और कागज की लुगदी । बस आपका रॉकेट चूल्हा तैयार है आपकी सेवा में ।
एक बात का धयान रखे की लकडियो के नीचे राख का ढेर ना होने दे अन्यथा इसकी कार्य कुशता पर असर पडेगा । मैंने इसे बना कर काम में लेकर देखा है वाकई बहुत कारगर और बढ़िया जुगाड़ है। धुँआ बिलकुल भी नहीं देता है।

अगर आपको किसी प्रकार की समस्या आती है तो आप टिप्पणी करके पूछ सकते है ।
रोकेट चुल्हा





रोकेट चूल्हे की कार्यप्रणाली







जुगाड़ ऊपर से देखने पर एसा दिखाई देगा

Wednesday, February 4, 2015

शेखावाटी में नामकरण और उनका अर्थ

   हमारे यंहा स्थानीय भाषा में  लड़के लड़िकयो के नाम जो रखे जाते है वो कोइ अलग नहीं है वैसे ही है जो उत्तरी भारत में या मध्य भारत में अन्य जगह पर होते है | लेकिन भाषा या बोली के अपभ्रंस के कारण ये नाम कुछ अलग से लगते है जिनकी वजह से सुनने वाले चक्कर मे पड जाते है कि इस नाम का अर्थ क्या है ?

लीलाधर -लील्यो
कालूराम राम -काल्यो
घीसा राम -घीस्यो
नत्थूलाल -नथियो
धापली -जब लड़कियों की पैदाईश से दिल भर जाता है तो आख़री  लड़की का नाम  रखते थे ।
पतासी- गोळ मटोल गोरी लड़की
गोळ्यो -  गोळ मटोल बच्चा
मोट्यो - ज्यादा मोटा बच्चा
धोळ्यो- जिसका रंग सफ़ेद हो
गीगलो- जो सबसे छोटा बच्चा हो
रामलो- राम का नाम घर में लिया जाएगा ये सोचकर रखते थे ।
खोडियो- एक टांग से लंगड़ा
टूट्यो- एक हाथ टूटा हुआ
माङि्यो- पतला या कृष काय
पेमलो- प्रेम प्रकाशा
मूळ्यो- मूलचंद
लीलकी- काली लड़की
भैरियो - भैरव प्रसाद
फांडियो -चलते समय जिसके पैर सीधे नहीं पड़ते हो ।

    अगर आपको भी कुछ नाम जो आपके आस पास सुनने में इस प्रकार के अजीब से लगते है तो आप भी अपनी टिप्पणी द्वारा बता सकते है ।