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Saturday, July 25, 2015

कुंडली में मांगलिक दोष



   किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसे बड़ी ही अजीबोगरीब परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, खासकर कन्याओ को तो कही ज्यादा उनके जीवन में या उनके आस पास किसी भी प्रकार की अशुभ घटना को उनसे जोड़ कर देखा जाता है...तरह तरह के ताने दिए जाते है.... आइये जाने कि मंगल दोष क्या है....? और कैसे बनता है...
   
    यह सम्पूर्णत: ग्रहों की स्थति पर आधारित है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक के जन्म चक्र के 1, 4, 7, 8 और 12 वे घर में मंगल हो तो ऐसी स्थिति में पैदा हुआ जातक मांगलिक कहा जाता है | यह स्थति विवाह के लिए अत्यंत विनाशकारी और अशुभ मानी जाती है | संबंधो में तनाव व बिखराव, कुटुंब में कोई अनहोनी व अप्रिय घटना, कार्य में बाधा और असुविधा तथा किसी भी प्रकार की क्षति और दंपत्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मांगलिक दोष को माना जाता है  
      ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में एक मांगलिक को दुसरे मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए | यदि वर और वधु मांगलिक होते है तो दोनों के मंगल दोष एक दुसरे के योग से समाप्त हो जाते है | मूल रूप से मंगल की प्रकृति के अनुसार ऐसा ग्रह योग हानिकारक प्रभाव दिखाता है, लेकिन वैदिक पूजा-प्रक्रिया के द्वारा इसकी भीषणता को नियंत्रित कर सकते है
       मंगल ग्रह की पूजा के द्वारा मंगल देव को प्रसन्न किया जाता है, तथा मंगल द्वारा जनित विनाशकारी प्रभावों, सर्वारिष्ट को शांत व नियंत्रित कर सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि की जा सकती है |


कुंडली में मंगल की स्थिति

Friday, April 24, 2015

लीबिया और वंहा की ब्रेड

     जैसा की आप जानते है मैंने रोजी रोटी कमाने के लिए पिछले दिनों लीबिया की यात्रा की थी । लेकिन समयाभाव के कारण आपके लिए वंहा के बारे में कुछ लिख नहीं पाया ।  इस पोस्ट में मई आपको वंहा की ब्रेड के बारे में बताता हूँ ।

    लीबिया में तबका है वो अधिकतर बाहरी मुल्को का है जैसे मिस्र,ट्यूनीशिया,पाकिस्तानी,भारतीय,बांग्लादेशी, और अन्य अफ्रीकन देश,जैसे बुर्किना फासो,नाइजीरिया,चाड,माली,सूडानी आदि । क्यों की लीबी लोग काम चोर और नशे के आदि है सरकार से अच्छी भली रकम खर्च करने को मिलती है । यंहा सरकार की मदद बेकरी उधोग को बहुत मिलती है । सरकारी सहायता के कारण बेकरी का बेसिक (मैदा)  बहुत ही कम कीमत में उधोग को मिल जाता है ।

     यंहा पर जो ब्रेड बनती है वो फ्रेंच ब्रेड होती है इसकी लम्बाई तीन साइज में होती है एक हॉट डॉग ब्रेड के बराबर यानी की 6 से 8 इंच दूसरी थोड़ी बड़ी होती है जो की 1 फुट के लगभग होती है तीसरी सबसे बड़ी जो की 18 इंच से लेकर 24 इंच तक होती है । जो सबसे बड़ी ब्रेड है उसकी कीमत भारतीय रूपये में 8  रूपये होती है ।इस ब्रेड में मिस्री और टुनिशियन लोग प्याज हरी, मिर्च,पनीर आदि भरकर खाते है । जबकि भारतीय लोग पाँव भाजी की तरह से सब्जी भर कर खाते है ।


लीबियन ब्रेड रेक पर ठंडी हो रही है

लीबियन ब्रेड बाजार में बिक्री हेतु  

         लीबियन और अफ्रीकन लोग अंडे को उबाल कर उसकी स्टफिंग करते है । बेकरी वाले ये ब्रेड दो समय पर बनाते है सुबह 8 से 10 और शाम को 3 से 5 बजे तक । ट्युनिशियन लोग बेकरी में बनी हुयी पतली रोटी ,दाल के बड़े के साथ खाते है जिसे तमैया  कहा जाता है । रोटी के ऊपर दाल का बड़ा ,चीज ,लाल मिर्च आदि डाल कर उसका क्रीम रोल जैसा बना कर देते है । दाल के बड़े भी बेचते है लेकिन उसमे लहसुन प्याज और मिर्ची नहीं होती है । अरे आपको कीमत बताना तो मै भूल ही गया । एक तमैया का 2 दिनार लेते है । बड़े 1 दिनार के 8 देते है । ब्रेड जो बड़ी साइज की होती है वो 1 दिनार की 8 देते है ।

Thursday, April 2, 2015

नेट सर्फिग के द्वारा मेडिकल बिल में कटौती Cutt your medical bill with surfing

     आजकल मानव शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियो से ग्रसित रहता है । हमारे देश में परिवार के बजट का अधिकांश हिस्सा शिक्षा एवं चिकित्सा पर खर्च होता है । आज मै आपको वो फंडा बताऊंगा की आपका मेडिकल का खर्चा कम होकर आपकी जेब को राहत प्रदान करेगा एक तरह से आप ओन लाईन कमाई ही करेंगे ।
     जेनरिक दवाईया : जेनरिक दवाईया क्या होती है ?
  
     जैनेरिक दवाईयां के सन्‍दर्भ में जैनेरिक (फार्माकोपियल) शब्‍द का अर्थ दवा के मूल घटक (Active Pharmaceutical Ingredient) से है। दवा निर्माता उनके उत्‍पाद को जैनेरिक या ब्रान्‍ड नाम से बेच सकतें है। ब्रान्‍ड पर निर्माता का एकाधिकार होने के कारण जैनेरिक के बजाय ब्रान्‍डेड दवाईयां कई गुणा अधिक मंहगी बिकती है, परन्‍तु दोनो की गुणवत्‍ता समान होती है।

   अधिकांश दवाईयों की निर्माण लागत बहुत कम होती है,लेकिन वो निम्‍नलिखित कारणों से रोगियों को कम दामों पर उपलब्‍ध नहीं हो पाती है:-

(1)  चिकित्‍सक किसी दवा कम्‍पनी के ब्रान्‍ड नाम की दवा लिखते है, इससे प्रतिस्‍पर्धा हतोत्‍साहित होती है और बाजार में कृत्रिम एकाधिकारकी स्थिति बनती है, जिसमें दवा कम्‍पनी द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्‍य (MRP) काफी ज्यादा रखी जा सकती है

(2) अधिकतर दवाईयां "औषधि मूल्‍य नियंत्रण" से मुक्‍त होने के कारण निर्माता ब्रान्‍डेड दवाईयों पर अधिकतम खुदरा मूल्‍य काफी अधिक अंकित करतें है। औषधि विक्रेता मरीज से वही कीमत वसूल करता है जो MRP के रूप में उस पर लिखी होती है।

(3)  उपभोक्‍ताओं को यह बात मालूम नहीं है कि अधिकांश दवाईयों की उत्‍पादन लागत बहुत कम होती है।

    इसके अलावा यदि चिकित्‍सक ने किसी ब्रांड विशेष की दवा लिख दी तो फिर मरीज के पास उसे खरीदने के अलावा और कोई विकल्‍प नहीं होता, भले ही बाजार में उसी दवा के SALT के अन्‍य कम कीमत पर उपलब्‍ध हों। उदाहरण के लिए ब्‍लड केंसर के मरीज के ईलाज के लिए Imantinib Mesylate (API) आवश्‍यक है, जिसका निर्माण विभिन्‍न दवा कम्‍पनीयों द्वारा अलग-अलग ब्रांड से करके देश में बेचा जा रहा है, जिनकी कीमतों में 16 गुणा तक अन्‍तर है। जैनेरिक दवाईयों की उपलब्‍धता आम व्‍यक्ति को स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा प्रदान करने में बहुत बडा योगदान प्रदान करती है, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार जैनरिक दवाईयो के लिखे जाने पर केवल अमीर देशों में चिकित्‍सा व्‍यय पर 70 प्रतिशत तक कमी आती है, तथा गरीब देशों के चिकित्‍सा व्‍यय में यह कमी और भी ज्‍यादा होगी।
 
  जैनेरिक दवाईयां गुणवत्‍ता मापदण्‍डों (Identity, Purity, Strength and Effectiveness) में ब्राण्‍डेड दवाईयों के समान होती है तथा ये उतनी ही असरकारक है, जैनेरिक दवाईयों को बाजार में उतारने का लाईसेंस मिलने से पहले गुणवत्‍ता मानको की सभी सख्‍त प्रक्रियाओं से गुजरना होता है।बाजार में जैनेरिक दवाओं की उपलब्‍धता से निम्‍न फायदे हो सकते है :-
1. उच्‍च गुणवत्‍ता की दवाओं की कम की‍मत पर उपलब्‍धता।
2. एक ही रासायनिक तत्‍व के विभिन्‍न ब्राण्‍ड नामों से भ्रम की स्थिति का समाप्‍त होना।
 3. ब्राण्‍ड नामों से प्रचलित दवाओं के प्रचार प्रसार से होने वाले व्‍यय में कटौती।
  ये तो हुयी जेनरिक दवाइयों के बारे में सच्चाई अब मै आपको वो बात बताना चाहूंगा की आप इन दवाओ को कैसे खोजेंगे इसके लिए अगर स्मार्ट फोन धारक है तो गूगल प्ले स्टोर से Helth Cart Plus नामक एप्लीकेशन डाऊनलोड कर सकते है । अगर आप के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो भी कोई बात नहीं आप इसकी वेब साईट से भी वो ही काम कर सकते है । आप इस लिंक पर क्लिक करके भी सीधे वंहा जा सकते है ।

इस सर्च बॉक्स में दवा के शुरू के कुछ अक्षर टाइप करे

     यंहा जो सर्च बॉक्स है उसमे आप अपनी दवा का नाम टाइप करे और रिजल्ट में बहुत सी वैकल्पिक दवाये आपको लिस्ट के रूप में मिलेगी जो साथ में प्राइस और पैकिंग की जानकारी तथा आप की बचत कितने प्रतिशत होगी वो भी जानकारी आपको मिल जाएगी किसी किसी दवा में तो 90 % तक की बचत हो जाती है ।

Friday, March 6, 2015

एक कचरा पात्र की आत्म कथा

     मित्रो , ............. बुरा मत मानना क्यों की मैंने आपको मित्र कह दिया क्या आप एक सडे गले कूड़े के ढेर को सहने वाले को अपने मित्रो की लिस्ट में शामिल करना पसंद करेंगे ? लेकिन मै आपको अपनी राम कहानी तो जरूर सुनाऊंगा मित्र माने या ना माने ये आप की मर्जी है ।

लोग मुझे ठूँस ठूंस कर भर देते है


     मेरी शुरूआत बहुत पहले कई हजार साल पहले हुई थी तब हड़प्पा और मोहनजोदड़ो का नाम भी नहीं था । लेकिन पुराने समय में मेरा आकार बहुत छोटा था जो आजकल मानव की लापरवाही और लालच की तरह बढ़ता ही जा रहा है ।

     मै पहले गाँवों में नजर नहीं आता था । केवल शहरों तक सीमित था लेकिन आजकल शहरो और गाँवों में समान रूप से पाया जाता हूँ । मै गली के नुक्कड़ पर आपको दिख जाता हूँ आप मुझमे कचरा डाल कर चल देते है । मै इस प्रकार की गंदगी को किस तरह झेलता हूँ ये मै ही जानता हूँ । मुझे इस बात का अफ़सोस नहीं है की लोग मुझ में गंदगी डालते है बल्कि दुःख इस बात का  की वो गंदगी को सही तरीके से नहीं डालते है । गीला कचरा भी मुझमे डालते है जिससे जंग लग कर मेरी उम्र कम हो जाती है । विदेशो में लोग बहुत समझदार है इसलिए वो कचरे को पहले मजबूत थैली में डालकर मुँह पूरी तरह से बाँध देते है तब मुझ में फेंकते है । लोहा ,काच ,धातु और कागज़ का कचरा अलग अलग डिब्बो में डालते है ।

मुझे दोष मत दीजिये मै तो भरा हुआ हूँ ये तो सरकारी कर्मचारी है जो समय पर मुझे खाली नहीं करते


     और भी बड़ी मुसीबत तो तब है जब लोग मेरे पूरे भरे होने के बावजूद, मुझ पर कचरा डालते रहते है और वो कचरा इधर उधर फ़ैल कर नन्हे नन्हे बच्चो को नाना प्रकार के रोग से ग्रसित कर देता है । पहले केवल मिट्टी ,गोबर ,और कागज़ जैसे खेती उपयोगी पदार्थ ही मुझमे डाले जाते थे लेकिन आजकल प्लास्टिक , कांच , दवाइयों के खाली इंजेक्शन , संक्रमित सूई और अन्य मेडिकल से जुड़े कचरे जो स्वास्थ्य और खेती के लिए हानिकारक है ,मुझमे डाले जाते है । मै कसाईयों से तो परेशान हूँ ही क्यों की ये पशु वध के बाद जो वेस्टेज निकलता है वो लाकर मुझमे डाल देते है । जिसको खाने के लालच में कुत्ते और सूअर मेरे अंदर घुसे रहते है ।

इस मैडम जैसे मालुम नहीं कितने लोग कूड़े को उलट पलट करके मुझे तंग करते है



     नगरपालिका के भ्रष्ट तंत्र में मेरा जीना मुहाल है मेरी खरीदी से लेकर मेरे कबाड़ को बेचने तक में लोग अपना कमीशन बनाते है । मुझे एक बार खाली करते है लेकिन बिल चार बार खाली करने का बनाकर के रूपये डकार जाते है । मेरे आगमन पर मोहल्ले वाले प्रसन्नता जताते है लेकिन कुछ ही दिन बाद घर आये चिपकू मेहमान की तरह मै भी लोगो की नाराजगी का शिकार हो जाता हूँ । अब आप ही बताइये मै इस अत्याचार को कब तक सहन करू हे कबाड़ चोर भाई मुझे भी इस जीवन से निजात दिलाओ। ....   आपका एक दुखियारा कचरा पात्र