Followers

Wednesday, April 25, 2012

मुझे कलेंडर चाहिए

      यंहा आने के बाद ब्लॉग पढ़ना लिखना पूरी तरह से छुट गया है | क्या लिखू ये भी
नहीं समझ में नहीं आ रहा है | एक तो यंहा समय नहीं मिलता है देश दुनिया के
बारे में सोचने के लिए ,दूसरा लिखने के लिए उचित माहौल भी नहीं है |

     मै जिस कैम्प में रहता हूँ उसी कैम्प में कुछ अफगानी नागरिक भी काम करते है |
उन्ही लोगो में एक  है नजर गुल ,नजर गुल पहले थोड़े दिन दुबई में काम कर चूका
है इस लिए वो हिंदी भाषा में काम चलाऊ बात चीत कर लेता है उसे अंगरेजी नहीं
आती है |  क्रेन ओपरेटर है यंहा जितने भी अमेरिकन सुपरवईजर है उन्हें पश्तो
,दारी,हिंदी उर्दू नहीं आती है इसलिए वो अफगानी लोगो से बात चीत करते समय मेरे
जैसे किसी आदमी को खोजते है जिसे दो भाषा का ज्ञान हो |

      एक दिन मुझे अपने विभाग के किसी काम के लिए क्रेन की जरूरत पड़ी तो मैंने नजर
गुल से  उसके कमरे पर जाकर बातचीत की और कहा की आज दो तीन घंटे का काम है तुम
अपनी क्रेन लेकर मेरे यार्ड में आ जाना कुछ कंटेनर को इधर उधर रखना है |
नजर गुल तय शुदा कार्य क्रम  के अनुसार आ गया ,लेकिन आने के बाद बोला साहब मै ये
काम नहीं कर पाऊंगा मैंने बोला क्यों क्या बात हुयी | तो वो बोला की मुझे
एक कलेंडर चाहिए बिना कलेंडर के मै काम नहीं कर सकता | मै बोला यार कलेंडर की
क्या बात करते हो एक क्यों मै तुम्हे चार कलेंडर दे दूंगा लेकिन  तुम काम तो
करो एक कलेंडर अपने कमरे पर रखना ,एक क्रेन  में रखना | ,मै ने इन्टरनेट से दो
मिनट में डाऊनलोड करके प्रिंट निकल कर उसे पकड़ा दिया ,
काफी देर तक तो वो समझा ही नहीं की ये क्या है !

     उसे पढ़ना नहीं आता है लेकिन तारीख के अंक उसे भी समझ में आ रहे थे | वो बोला
साहब ये नहीं चाहिए जो क्रेन ओपरेटर के साथ काम करता है |  वो हेल्पर की जरूरत
है क्यों की कंटेनर के ऊपर जाकर हुक लगाना पडेगा और मेरे पास जो हेल्पर था वो
घर गया हुआ है | अब मुझे समझ में आया की ये हेल्पर को क्लीनर बोल रहा था लेकिन
उसे क्लीनर का नाम नहीं आता है और कलीनर की जगह कैलेण्डर बोल रहा है |

Inline image 1