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Sunday, March 7, 2010

एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती

यह कविता शेखावाटी के प्रसिद्ध कवि श्री भागीरथ सिंह भाग्य ने लिखी है | यह कविता राजस्थानी कविता जगत में उनकी सुपर हिट कविता है | उनके हर एक कवि सम्मेलन में इस कविता को सुनवाने का आग्रह श्रोताओं द्वारा किया जाता है | इस कविता की लोकप्रियता का आलम यह है कि इस कविता को एक राजस्थानी फिल्म में गीत के रूप में भी लिया गया है इस फिल्म का शीर्षक भी इस कविता के शीर्षक को रखा गया है |  आपको इसका काव्य पाठ सुनने के लिए आपको मेरी गीत संगीत वाली पोस्ट पर जाना पड़ेगा | इस पोस्ट को मै समय समय पर अपडेट करता हूँ ताकी हर बार एक ही विषय पर नयी पोस्ट ना लिखनी पड़े |

एक छोरी काळती  हमेशा जीव बाळती,
सींवा जोड़ खेत म्हारो चाव सूँ रूखाळती |(एक छोरी...


ऊंचा ऊंचा टीबडा मै रूंखड़ा रो खेत हो ,
खेत रुजगार म्हारो खेत सूँ ही हेत हो |
हेत हरियाल्या नै तावडा सूँ टाळती || (एक छोरी ...

बेल बीरो शीश फूल फूल बीरी राखड़ी,
एक बार आखडी  तो बार बार  आखडी |
लाज सूँ झुकी  झुकी सी लूगड़ी संभाळती|| (एक छोरी ...

भोत राजी रेवती तो झूपडी बुहारती ,
रूसती तो गाव्ड्या नै बाछड़ा नै मारती | 
हेत जै जणावती तो टींडसी उछाळती || (एक छोरी ...

गाँव रै गुवाड़ बीच देखती ना बोलती ,
हेत सूँ बुलावता तो आँख भी ना खोलती |
खेत मै ना जावता तो गाळीयाँ निकालती ||(एक छोरी ....

15 comments:

  1. कविता को बहुत ध्यान से पढने के बाद भी समझने मै मुश्किल आ रही है, आप का ओर कवि श्री भागीरथ सिंह भाग्य जी का धन्यवाद

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  2. गजब की रचना है, ऐसी ही कुछ और नायाब रचनाएं जोगाड कर लगाओ जी.

    रामराम.

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  3. मैंने तो आपके द्वारा भेजी गयी इस कविता की सी डी को mp3 में बदल कर मोबाइल में लोड कर रखी है जब भी दोस्तों के साथ होते है सभी इनकी कविताएँ सुनकर मजा लेते है | हमें तो वो गांव वाली कविता और भी मजेदार लगती है |

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  4. लोक देवता पाबू जी पर आपका लिखा लेख पढ़कर दिल्ली में उनके एक भक्त का फोन आया था उन्हें पाबू जी का इतिहास चाहिए था संयोग से उस वक्त मैं जोधपुर में था और उनके लिए पाबू प्रकाश ले आया कल वे उसे लेने आये थे पुस्तक पाकर वे अपने आप को धन्य समझ रहे थे पाबू जी के प्रति उनके मन में आस्था देखते ही बन रही थी | उनकी आस्था देख मेरे मन में भी उनको पुस्तक उपलब्ध करा कर संतुष्टि के भाव महसूस हो रहे थे |
    राजपूत वर्ल्ड पर पाबू जी के बारे में लिखने पर आपको भी वे हार्दिक धन्यवाद दे रहे थे कि उस लेख को पढने के बाद उन्हें पाबू जी का पूरा इतिहास मिल गया | उनका एक बच्चा आपका लेख नेट से प्रिंट कर घर ले आया था तब उन्हें पता चला |

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  5. भोत राजी रेवती तो झूपडी बुहारती ,
    रूसती तो गाव्ड्या नै बाछड़ा नै मारती |
    हेत जै जणावती तो टींडसी उछाळती ||

    नरेश सिंग जी म्हे तो घणाई दिन पाछे अठे आया
    और मनड़ा के लायक गीत मिल ग्यों। मजो आ ग्यों
    राम राम

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  6. बहुत सुन्दर कविता है जी
    सुनने में तो मजा ही आ गया, धन्यवाद

    प्रणाम स्वीकार करें

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  7. "ek chhori kalti" kavita mere guru ki rachana thi. jiski mujhe kaafi dino se talas thi, jo mujhe aaj mili. Thanks.

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  8. VAH SIR JI
    MAZA AA GYA .... DIL KHUSH HO GYA
    AAP KA JAWAB NHI APNI PERSONAL EMAIL ID DO HUME
    HUM AAP K FAN HO GYE
    MANJEET SINGH

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  9. vah sir jawab nhi aap ka
    dil khush kar diya aap ne to
    bhut achi lgi aap ki kvita

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  10. mahan thari sari kavita badiya lag h me to din mai 3-4 bar thari kavita padha ha

    ak or kavita h aapri or wo

    ungli pakar maharo puncho re pakad than duniya dikhalawungi chal r sathira mahara kheta m thana duniya dikhalungi

    ya kavita m suriya mandal ma suni hi ik bad m koni mili

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  11. Maine yah kavita mere school time me Suni thi our iske sabd har time mere kano me ginjte the Aaj 30 Saal baad ise sun kar bachpan lot aaya. Thank you.

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  12. Sir
    Aapki yah kavita me school time par suno thi iske Bol Abhi bhi meri yadon me aate the. Aaj ise vapas sun kar bachpan lot aaya. Thank you

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  13. Maine yah kavita mere school time me Suni thi our iske sabd har time mere kano me ginjte the Aaj 30 Saal baad ise sun kar bachpan lot aaya. Thank you.

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  14. घणी सुणी रचना छै अेक छोरी काळती जीव म्हारो बाळती

    बधाई अर मंगलकामनावां सा !
    सत्यनारायण राजस्थानी ( प्रदेस प्रचारमंत्री )
    मायड़ भासा राजस्थानी छात्र मोरचो , राजस्थान

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