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Sunday, February 28, 2010

गीत संगीत की बाते

मै काफी दिनों से सोच रहा था कि इस ब्लॉग में मेरी पसंद के कुछ गीत आपको सुनवाऊ | लेकिन उसके प्रारूप के बारे में कुछ जम नहीं रहा था | बलोगिंग में यही तो होता है सभी कामों में सम्पूर्णता नहीं रहती है | कभी सोचता था साइड बार में डाल दू लेकिन पेज लोडिंग का समय बढ़ जाएगा | कभी सोचता था कि ब्लॉग पोस्ट ही लिखू |
संगीत से मेरा लगाव बचपन से रहा है लेकिन सुनने तक ही गायन तो बिलकुल ही बेसुरा है | बचपन में रेडियो ही अपनी दुनिया था | उसमे शोभा गुर्टू की दादरा से लेकर उषा उत्थप के "रम्भा हो रम्भा हो........" तक सब कुछ सुन लेते थे | आज पी सी पर डिजिटल संगीत सुनते है लेकिन उस वक्त के गीत और वो रात के समय नीरव शांति में सुनने का माहौल आज कही नहीं मिलता है | उस वक्त, उस संगीत का एक और हम सफर था मेरा फुफेरा भाई राम सिंह शेखावत जो कि मेरा हम उम्र है | उसे भी मेरी तरह संगीत का बड़ा शौक है | आज हम दोनों अपने अपने काम में मशगूल है | वो एक बड़ा सरकारी मुलाजिम है और हम अपने घरेलू दुकानदार | उसके पास समय की कमी है हमारे पास समय के अलावा दूसरा कुछ नहीं है |
इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य यह है कि अच्छे व कर्ण प्रिय गाने जो हम दोनों को पसंद है वो आपको सुनवाए जाए | इस पोस्ट को समय समय पर अप डेट भी करूंगा ताकी दूसरी पोस्ट नहीं लिखनी पड़े व सभी गीत एक ही जगह सुन सके | बाकी प्रारूप आपके दिए गए अमूल्य सुझावों पर निर्भर करेगा कुछ गीत जो आप नेट पर सुनना या डाऊनलोड करना चाहते है और उसमे आप सफल नहीं हो पा रहे है तो नि:संकोच मुझे बताए मै आपको उसका लिंक भेज दूँगा | इस पोस्ट की शुरूआत आज होली के दिन होली के राजस्थानी गीतों (धमाल ) से कर रहा हूँ | 

NOTE--- धमाल गीत यहाँ से  से हटा दिए  है |इन्हें आप नयी पोस्ट में यंहा क्लिक कर के सुने

अपडेट --3 फरवरी 2010
आपसे किये गए वायदे के मुताबिक़ आज दो गाने अपडेट कर रहा हूँ |
तू विछडन विछडन करदा ए जदो विछडेगा पता चल जाएगा ---
यह गीत पकिस्तान का है किसने गाया है मै भी नहीं जानता हूँ | लेकिन आवाज में कशिश है | गाना तेज गति का है | संगीत भी अच्छा है आप सुनिए और मजा लीजिए |

आजा वे तेनू प्यार करा " गीत भी पाकिस्तान से ही है गायक भी वही है |

यदि इस गायक के और भी गीत सुनने की इच्छा हो तो टिप्पणी या मेल द्वारा बताए |
अपडेट ---७ मार्च 2010
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती
यह कविता शेखावाटी के प्रसिद्ध कवि श्री भागीरथ सिंह भाग्य ने लिखी है स्वर भी उन्ही का है | यह कविता राजस्थानी कविता जगत में उनकी सुपर हिट कविता है | उनके हर एक कवि सम्मेलन में इस कविता को सुनवाने का आग्रह श्रोताओं द्वारा किया जाता है | इस कविता की लोकप्रियता का आलम यह है कि इस कविता को एक राजस्थानी फिल्म में गीत के रूप में भी लिया गया है इस फिल्म का शीर्षक भी इस कविता के शीर्षक को रखा गया है | टेक्स्ट रूप में पढ़ने के लिए यहाँ जाए |


अपडेट  --- १५ मार्च २००१०
ये दो गजल है जिन्हें स्वर दिया है अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन ने और संगीत भी उन्हीं का है |ये दोनों भाई हमेशा साथ साथ ही आयोजनों में गाया करते है | ये जयपुर के रहने वाले है आप ने इनकी गायकी को कम ही सुना होगा | आज मै आपको हमारी पसंद की ये दो गजले जो बहुत मशहूर है सुनवाता हूँ |
मै हवा हूँ कहा वतन मेरा------


ए सनम तुझसे जब दूर चला जाऊंगा ----




अपडेट --२२ मार्च 2010

आज मै आपको अपनी पसंद की धार्मिक रचना सुनवाता हूँ | श्री मदभागवत गीता हिन्दू धर्म ही  नहीं वरन सभी धर्मो के लोगो के लिए एक प्रेरणा दायक ग्रन्थ है| यहाँ आपको इस के पूरे अठारह अध्याय एक ही जगह सुनने को मिलेंगे इसमें जो आवाज है | प. सोमनाथ शर्मा की है जिसमें बहुत ही आकर्षण और मिठास है यदि आपको इनकी आवाज पसंद आती है तो जरूर बताये ताकी इनकी आवाज में और भी रचनाएं आपको सुनवाई जा सके |  इसको ए स्नीप्स पर अपलोड करने वाले मी. sketan का मै आभारी हूँ |


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Sunday, February 21, 2010

फ्री में किताबे यहाँ से प्राप्त करे | Get free books here

शीर्षक पढ़ कर चोकिये मत | आज मै आपको फ्री बुक मिलने का पता बता रहा हूँ | आप इस साइट पर जाकर अपनी मन पसंद बुक कैटेगिरी के हिसाब से छांट कर डाऊनलोड कर सकते है | यहाँ बहुत सी पुस्तकों व पत्रिकाओ के डाऊनलोड लिंक दिए गए है | यहाँ आप सर्च करके भी ढूँढ सकते है | मैंने भी फोटो शॉप से सम्बन्धित कुछ पुस्तके डाऊनलोड की है आप भी डाऊनलोड करे व मुझे भी बताए कि आपको यह साईट कैसी लगी |http://www.ebook3000.com
+++ सुशील कुमार छौक्कर जी ने इस पोस्ट को आगे ले जाने पर मजबूर कर दिया | वैसे भी हम कोई साहित्यकार है नही थोड़ी बहुत सर्फिंग करते वक्त कोई अच्छी चीज नजर आये तो आप लोगो के साथ बांटना पसंद करते है | हमारे यहाँ ज्ञान और खाना दोनों को बांटना अच्छा समझा जाता है | कहावत भी है बाँट के खाना बैकुंठ जाना  | अगर आप हिन्दी पत्रिका पढ़ने के लिए पूछ रहे है तो आप यहाँ जा सकते है |  http://www.abhivyakti-hindi.org/
            http://www.hindinest.com/  
अगर  आप साहित्यक पुस्तके पढना और डाऊनलोड करना चाहते है तो आप यहाँ जाए |
http://www.ildc.gov.in/hindi/hdlbooks.htm  यहाँ आप हिन्दी के सोफ्टवेयर की फ्री सी डी भी ओन लाइन फ़ार्म भर कर मंगवा सकते है |
http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/welcome.html
http://hindiebooks.googlepages.com/

 और भी जगह है आप गूगल सर्च में भी ढूँढ सकते है | रतन सिंह जी की बात पर भी गौर करना पड़ेगा |

Tuesday, February 16, 2010

मोजिला फायर फोक्स का सबसे महत्त्व पूर्ण एड ओन्स An important Add-ons of Mozilla FireFox

आप सभी मोजिला फायर फोक्स ब्राऊजर तो जरूर काम में लेते है | इसकी तेज गति और बहुत से एड ओन्स इसको और भी ज्यादा पसंदीदा बनाने के कारण है | आप जब भी इसको अपडेट करते है तो इसके पुराने वर्जन के एड ओन्स नए वर्जन के साथ सुसंगत (compatible) नहीं हो पाते है | जिसकी वजह से आप नए वर्जन को डालने से बचना चाहते है | आज मै आपको ऐसा ही एक एड ओन्स बता रहा हूँ जो इस समस्या का कारगर उपाय है | nightly tester tools यह एड ओन्स पुराने सभी एड ओन्स को नए वर्जन के साथ जबरदस्ती ही मैच करा देता है| मोजिला फायर फोक्स ब्राऊजर का नया वर्जन 3.7a2pre लेटेस्ट आया हुआ है |  आप nightly tester tools  को  एक बार काम में ले | रिजल्ट के बारे में मुझे बताए यदि कोई परेशानी आती है तो टिप्पणी द्वारा या मेल द्वारा पूछ सकते है | दिए गए फोन न. पर फोन भी कर सकते है | इस समस्या का एक समाधान पहले वाली पोस्ट में भी पढ़ सकते है |

Saturday, February 13, 2010

WinRAR को Free License करे यानी की registration keys download करे

सभी कम्प्यूटर से जुड़े हुए साथी विशेषकर जो rapidshare फाईल डाऊनलोड करते है ,उन्हें  WinRAR की जरूरत पडती है | यह एक इस प्रकार का सॉफ्टवेर है जो फाईल को कम्प्रेस करके उसकी साईज को छोटा कर देता है जिससे फाईल को उपलोड करना व् डाऊनलोड करना आसान हो जाता है | डाऊनलोड की हुई फाईल को जब ओपन करते है तो इस सॉफ्टवेर की जरूरत पडती है | यह सॉफ्टवेर ४० दिन के ट्रायल वर्जन में आता है | उसके बाद या तो आपको कोइ जुगाड लगाना पड़ता है या उसे खरीदना पडता है | मै आपको इसके लिए एक ट्रिक बताता हूँ बहुत आसान है |
आप  पहले  WinRAR ३.८० डाऊनलोड करे इसे downlod करने के लिए यहाँ पर क्लिक करे |
इसे इंस्टाल करले | अब आपको अपनी प्रोक्सी सेटिंग को जर्मनी में बदलने के लिए यहाँ क्लिक करे  व अपने ब्राऊजर के चेतावनी देने पर आप इसे स्वीकार करे | इसके बाद जो विंडो खुले उसमे यह url लिखे  https://covermount.win-rar.com/pcwelt0310 और इंटर दबाये | जो पेज खुलेगा वो dutch भाषा में होगा आप घबराये नहीं | भाषा परिवर्तन के लिए गुगल बाबा है ना और आप नीचे दिया गया स्क्रीन शोट देख कर भी अनुमान लगा सकते है कि क्या भरना है | 













अब आपको एक मेल मिलेगा जिसमे डाऊनलोड करने के लिए लिंक होगा इस लिंक को नयी विंडो में ओपन करे तो आपकी   registration keys फाईल डाऊनलोड हो जायेगी | इस फाईल को आप अपने c Drive --> program files--> winrar नाम  के फोल्डर में कोपी कर दे | बस अब यह लाईसेंस आपके नाम हो चुका है |.

Wednesday, February 10, 2010

कसर नही है स्याणै मै

यह कविता शेखावाटी के प्रसिद्ध कवि श्री भागीरथ सिहं भाग्य ने राजस्थानी भाषा में लिखी है नीचे राजस्थानी भाषा के कठिन शब्दों के हिन्दी अर्थ भी दिये है फिर भी किसी पाठक को समझ मे नही आए तो टिप्पणी या मेल द्वारा पूछ सकते है



सुख को कनको उड़तो कीया काण राख दी काणै में |
खोयो ऊँट घडै मै ढूडै कसर नहीं है स्याणै में ||
भूल चूक सब लेणी देणी ठग विद्या व्यापार करयो |
एक काठ की हांडी पर ही दळियो सौ बर त्यार करयो ||
बस पङता तो एक छोड्यो च्यारू मेर सिवाणै मै |
खोयो ऊँट घडै में ढूँढे कसर नहीं है स्याणै मै



डाकण बेटा दे या ले , आ भी बात बताणी के |
तेल बड़ा सू पैली पीज्या बां की कथा कहाणी के ||
भोळा पंडित के ले ले भागोत बांच कर थाणै मे |
खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |

जका चालता बेटा बांटै ,बै नितकी प्रसिद्ध रैया |
बिगड़ी तो बस चेली बिगड़ी संत सिद्ध का सिद्ध रैया ||
नै भी सिद्ध रैया तो कुण सो कटगो नाक ठिकाणै मे ||
खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |

बडै चाव सूँ नाम निकाल्यो , होगो घर हाळा भागी |
लगा नाम कै बट्टो खुद कै लखणा बणरयो निर भागी |
तूं उखडन सूँ नहीं आपक्यो थकग्यो गाँव जमाणै में |
खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |



कनको - पतंग
कींया - कैसे
काण - बिना संतुलन का
काणै मे - पतंग में जो धागा डाला जात है उसे काणा कहा जाता है |
ढूंढे - खोज करना
स्याणै मे - ज्यादा समझदार बनना
च्यारू में - चारो ओर
सिवाणै मे - सीमाओं में
बडां - दाल के वडे
बां की- उनकी
भोला - ना समझ
भागोत - भागवत गीता
जका - जो व्यक्ति
रैया - रहे है
ठिकाणै में - सगे संबंधियों में
लखणा - अपने लक्षण से
बणरयो - बना हुआ है
आपक्यो - थक जाना